Anticipatory Bail (अग्रिम जमानत) क्या है? CrPC की धारा 438 क्या हो अगर आपका कोई दुश्मन आपको किसी फर्जी मुकदमे में फंसा दे? या पुलिस या कोई प्रशासनिक अधिकारी आपसे बदला लेने के लिए, और आपका career और सामाजिक प्रतिष्ठा खराब करने के लिए आप पर नकली मुकदमे डाल दे? ऐसी ही परिस्थितियों के समाधान के लिए हमारी न्याय व्यवस्था में अग्रिम जमानत का प्रावधान डाला गया है। CrPC में इसका जिक्र धारा 438 में आता है। अग्रिम जमानत देने की शक्ति केवल सुप्रीम कोर्ट और सत्र अदालतें को मिली हुई है। शायद हम जानते होंगे की किसी अपराध में गिरफ़्तारी होने पर bail/जमानत लेने का प्रावधान है, जो CrPC की धारा 437 में मिलता है। लेकिन क्या कोई अभियुक्त गिरफ़्तारी होने से भी पहले bail की याचिका दायर कर सकता है? बिल्कुल कर सकता है; और इसी कानूनी प्रावधान को हम अग्रिम जमानत कहते हैं। अगर हाई कोर्ट या सत्र अदालत किसी मामले में अग्रिम जमानत की याचिका मंजूर कर ले, तो उस मामले में सुनवाई खत्म होने और फैसला होने तक अभियुक्त को गिरफ़्तारी से राहत मिल जाती है। अगर पुलिस उस ...
Authoritative and Easy to Read Explainers